भाजपा में शामिल होने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को भोपाल में पहला रोड शो किया। इसके बाद वे भाजपा कार्यालय पहुंचे और कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। सिंधिया से पहले माइक पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान थे, जिन्होंने कमलनाथ सरकार पर तंज कसते हुए रामायण सुना दी। शिवराज ने कहा कि अगर लंका पूरी तरह जलानी हो तो विभीषण की जरूरत होती ही है और अब तो सिंधियाजी भी हमारे साथ हैं। शिवराज के इस बयान को सिंधिया के मंदसौर गोलीकांड पर दिए गए बयान से जोड़ा जा रहा है। प्रदेश के कांग्रेस नेताओं ने शिवराज के इस बयान को सिंधिया का अपमान भी बताया है।
आतंक की लंका को जलाए बगैर चैन नहीं- शिवराज
शिवराज ने कहा- कमलनाथ ने मध्य प्रदेश में तबाही मचाई। अगर वे ठीक से राज चलाते तो हम सड़कों पर नहीं उतरते। आज हम संकल्प लेते हैं, जब तक कमलनाथ सरकार की पाप, अत्याचार, अन्याय, भ्रष्टाचार और आतंक की लंका को जलाकर राख नहीं कर देते, चैन से नहीं बैठेंगे। चैन की सांस नहीं लेंगे। लेकिन, रावण की लंका अगर पूरी तरह जलानी है तो विभीषण की जरूरत होती है मेरे भाई और अब सिंधियाजी हमारे साथ हैं। मिलकर लड़ेंगे, इनको धराशायी करेंगे।
सिंधिया ने दो दिन में दो बार मंदसौर गोलीकांड का जिक्र किया
सिंधिया ने दो दिन में दो बार मंदसौर गोलीकांड का जिक्र किया। मंदसौर गोलीकांड को लेकर कांग्रेस अक्सर भाजपा पर हमला बोलती रहती है। सिंधिया ने बुधवार को भाजपा में शामिल होते वक्त और गुरुवार को रोड शो के बाद दिए भाषण में मंदसौर गोलीकांड का जिक्र किया था। उन्होंने कहा- किसानों पर लगे केस वापस नहीं लिए गए। यह वादा कांग्रेस ने किया था, जिसे निभाया नहीं गया। जब मैंने सड़कों पर उतरने की बात कही तो मुझे कहा गया कि उतर जाएं।
भोपाल में सिंधिया बोले- शिवराज और मैं एक हैं
सिंधिया ने अपने भाषण में शिवराज की तारीफ की। उन्होंने कहा- दल अलग हो सकते हैं, राजनीतिक रंग अलग हो सकता है, मतभेद हो सकते हैं, लेकिन पक्ष और विपक्ष के बीच कभी मनभेद नहीं होना चाहिए। विपक्ष में बैठकर भी शिवराज सिंह जैसा समर्पित और जनता के प्रति सबकुछ न्योछावर करने वाला कार्यकर्ता शायद ही इस देश और प्रदेश में होगा। कई लोग कहेंगे कि सिंधियाजी आप आज ये बात बोल रहे हो। एक या दो मौकों पर जब हम साथ में थे, तब मैंने खुले में भी कहा है। मैं संकोच करने वाला व्यक्ति नहीं हूं, खुले में भी कहता हूं। प्रदेश में दो नेता हैं, जो अपनी गाड़ी में एसी नहीं चलाते। केवल ज्योतिरादित्य और शिवराज सिंह। आप एक हैं और हम एक हैं। जब एक और एक मिल जाएं तो दो नहीं, ग्यारह होने चाहिए।