ऋषि कपूर नहीं रहे। वे 67 साल के थे। ल्यूकेमिया यानी ब्लड कैंसर से जूझ रहे थे। गुरुवार सुबह मुंबई के एचएन रिलायंस फाउंडेशन हॉस्पिटल में उनका निधन हो गया। बुधवार को इरफान खान के निधन की खबर से बॉलीवुड उबरा भी नहीं था कि ऋषि कपूर के जाने की खबर आ गई। वे खुशमिजाजी के लिए जाने जाते थे। आखिरी वक्त तक भी उन्होंने अपना यह अंदाज नहीं छोड़ा। अस्पताल में डॉक्टरों-मेडिकल स्टाफ को हंसाते रहे, उनका मनोरंजन करते रहे।
इससे पहले पिछले गुरुवार भी उनकी सेहत खराब हुई थी। उन्हें अस्पताल में भर्ती भी कराया गया था, लेकिन चार घंटे बाद डिस्चार्ज कर दिया गया था। बाद में चेस्ट इन्फेक्शन, सांस लेने में दिक्कत और बुखार के कारण बुधवार को उन्हें दोबारा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। उनकी हालत बिगड़ने के बाद उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया, लेकिन तड़के तीन बजे उन्होंने रिस्पॉन्ड करना बंद कर दिया। जब उन्होंने अंतिम सांस ली, तब उनके साथ पत्नी नीतू और बेटे रणबीर मौजूद थे।
परिवार ने बताया- ल्यूकेमिया के बावजूद परिवार, दोस्त, फिल्में और खाना उनके फोकस में था
ऋषि कपूर के निधन के बाद परिवार की तरफ से यह मैसेज जारी किया गया- ‘‘दो साल तक ल्यूकेमिया से जंग के बाद हमारे प्यारे ऋषि कपूर का आज सुबह 8 बजकर 45 मिनट पर निधन हो गया। अस्पताल के डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ ने कहा कि वे आखिर तक उनका मनोरंजन करते रहे। दो महाद्वीपों में उनका दो साल तक इलाज चला और इस दौरान वे खुशमिजाज और जिंदादिल बने रहे। परिवार, दोस्त, लजीज खाना और फिल्में उनके फोकस में रहीं। इस दौरान उनसे जो भी मिला, वह यह जानकार ताज्जुब में था कि उन्होंने कैसे बीमारी को खुद पर हावी नहीं होने दिया।
दुनियाभर में अपने फैन्स से मिल रहे प्यार के वे कर्जदार थे। उनके जाने के बाद सभी फैन्स यह समझ पाएंगे कि ऋषि चाहते थे कि वे आंसू नहीं, मुस्कुराहट के साथ याद किए जाएं। इस नुकसान के बीच हम यह जान रहे हैं कि दुनिया एक बेहद मुश्किल दौर से गुजर रही है। लोगों की आवाजाही और इनके इकट्ठा होने पर पाबंदियां हैं। हम उनके सभी फैन्स, चाहने वालों और दोस्तों से यह गुजारिश करते हैं कि वे नियम-कानूनों का सम्मान करें।’’
ऋषि कपूर और इरफान डी-डे फिल्म में एक साथ नजर आए थे
यह सीन डी-डे फिल्म का है। यह फिल्म 2013 में रिलीज हुई थी। इसमें ऋषि कपूर और इरफान खान ने एकसाथ काम किया था। इरफान खान का बुधवार और ऋषि कपूर का गुरुवार को निधन हुआ। इरफान को ब्रेन कैंसर और ऋषि को ब्लड कैंसर था।
प्रधानमंत्री बोले- ऋषि कपूर टैलेंट के पावरहाउस थे
Multifaceted, endearing and lively...this was Rishi Kapoor Ji. He was a powerhouse of talent. I will always recall our interactions, even on social media. He was passionate about films and India’s progress. Anguished by his demise. Condolences to his family and fans. Om Shanti.
2 साल पहले कैंसर हुआ था
2018 में ऋषि कपूर को कैंसर हुआ था। इलाज के लिए वो अमेरिका गए थे। वहां 11 महीने रहने के बाद पिछले साल सितंबर में भारत लौटे थे। अमेरिका में पूरे वक्त उनके साथ पत्नी नीतू ही थीं। रणबीर कपूर कई बार उनसे मिलने न्यूयॉर्क गए थे। कुछ दिनों पहले ऋषि ने एक इंटरव्यू में कहा था, “अब मैं बहुत बेहतर महसूस कर रहा हूं। और कोई भी काम कर सकता हूं। सोच रहा हूं कि एक्टिंग दोबारा कब शुरू करूं। पता नहीं लोगों को अब मेरा काम पसंद आएगा भी या नहीं। न्यूयॉर्क में मुझे कई बार खून चढ़ाया गया था। तब मैंने नीतू से कहा था- उम्मीद करता हूं कि नए खून के बावजूद मैं एक्टिंग नहीं भूलूंगा।”
फरवरी में दो बार अस्पताल में भर्ती हुए थे ऋषि
ऋषि कपूर फरवरी में दो बार अस्पताल में भर्ती हुए थे। एक बार जब वे दिल्ली में एक पारिवारिक कार्यक्रम में भाग लेने गए थे तो उन्हें वहां के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उस समय खुद ऋषि ने कहा था कि वे संक्रमण से पीड़ित थे। मुंबई लौटने के बाद उन्हें फिर से वायरल बुखार के कारण अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन उनकी तबीयत जल्दी सुधर जाने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई थी।
ऋषि ने कहा था- आजकल कपूरों पर टाइम भारी है
Aaj kal kuch “Kapoor”logon pe time bhaari hai. Darta hoon. Hey Malik raksha karna doosre “Kapoor-on”ki! Koi galat kaam na ho kabhi. Jai Mata Di!
एक महीने से सोशल मीडिया से दूर थे
सोशल मीडिया पर लॉजिकल और अग्रेसिव कमेंट्स के लिए मशहूर ऋषि ने 2 अप्रैल के बाद ट्विटर अकाउंट पर कुछ भी पोस्ट नहीं किया। उन्होंने बीते दिनों दीपिका पादुकोण के साथ हॉलीवुड फिल्म "द इंटर्न" के रीमेक में काम करने की घोषणा भी की थी।
पृथ्वीराज कपूर के पोते और राज कपूर के बेटे
चिंटू के नाम से मशहूर ऋषि का जन्म 4 सितंबर 1952 को मुंबई के चेम्बूर में हुआ था। वे राज कपूर के दूसरे नंबर के बेटे और पृथ्वीराज कपूर के पोते थे। उन्होंने मुंबई के कैंपियन स्कूल और अजमेर के मेयो कॉलेज में अपने भाइयों के साथ पढ़ाई की। रणधीर कपूर उनके बड़े भाई और राजीव कपूर उनके छोटे भाई हैं। ऋषि और नीतू के दो बच्चे हैं- रणबीर और रिदीमा।
ऋषि की फिल्मी यात्रा
ऋषि कपूर ने 1970 में पिता की फिल्म 'मेरा नाम जोकर' से डेब्यू किया था। इस फिल्म में ऋषि ने अपने पिता के बचपन का किरदार निभाया था। ऋषि कपूर ने बतौर लीड एक्टर 1973 में आई फिल्म ‘बॉबी’ से शुरुआत की थी। अपने करियर में 1973-2000 तक 92 फिल्मों में रोमांटिक हीरो का किरदार निभाया। बतौर सोलो लीड एक्टर 51 फिल्मों में अभिनय किया। ऋषि अपने जमाने के चॉकलेटी हीरो में से एक थे। उन्होंने पत्नी नीतू के साथ 12 फिल्मों में अभिनय किया।
ऋषि ने निर्देशन में भी हाथ आजमाया। उन्होंने 1998 में अक्षय खन्ना और ऐश्वर्या राय बच्चन अभिनीत फिल्म ‘आ अब लौट चलें’ निर्देशित की। ऋषि कपूर ने अपने करियर की शुरुआत से हमेशा ही रोमांटिक किरदार निभाया था, लेकिन फिल्म ‘अग्निपथ’ में उनके खलनायक के किरदार को देख सभी हैरान रह गए। ऋषि को इसके लिए आईफा बेस्ट नेगेटिव रोल के अवार्ड से भी नवाजा गया।
ऋषि कपूर ने लताजी के साथ अपनी फोटो शेयर की थी

लताजी का ट्वीट- क्या कहूं, क्या लिखूं, यह दुख सहना बहुत मुश्किल है